Sunday, July 18, 2010



टूटता रिश्ता

हम उस रिश्ते की बात कर रहे हैं जो किसी बंधन से नहीं वल्कि विश्वास पर टिका है.....जो अब वो टूटने लगा है। क्योंकि उस पर नज़र लग गयी है दहेज के दानव की...जो रिश्तों के बीच दीवार बन गया है। ऐसी ही एक महिला की कहानी है जो उसी दानव का शिकार बनी और अब इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है.....
बेटी पिता के घर की अमानत होती है और जब बेटी बड़ी हो जाती है तो पिता शादी के लिए सोचने लगता है। हर पिता की यही तमन्ना होती है कि जिसे वो अपनी बेटी का हाथ दे रहा है वो जिन्दगी भर साथ निभाएगा....। हम ऐसी ही एक लड़की की दास्तां दिखाने जा रहे जिसका पिता शादी के दौरान दहेज में जितना हो सका था सब कुछ दिया। लेकिन दहेज के लोभियों का मुंह बंद नहीं हुआ, दहेज नहीं मिलने पर वो उस बहू से ही रिश्ता तोड़ रहे हैं जिसको एक पिता ने बड़े ही अरमान से विदा किया था.... ये तस्वीरें हैं 13 फरवरी 2006 की....इसी दिन अरुण और आराधना सात फेरों के साथ अग्नि को साक्षी मानकर साथ जीने और मरने की कसमें खायी थी..., पिता ने अपना फर्ज निभाया भाई ने अपना...। शादी को लेकर हर किसी में खुशी थी बेटी आराधना जिस घर में आएगी उस घर को सपनों का घरौंदा बनाकर सबकी देखभाल करेगी...वैसा ही आराधना ने ससुराल पहुंचने पर किया जैसा संस्कार उनके माता पिता ने दिया था... लेकिन कुछ ही दिनों में ससुराल वालों का असली चेहरा सामने आने लगा...और आराधना से दहेज की मांग करने लगे..एक दो बार अराधना ने दहेज की मांग पूरी भी की लेकिन ससुराल वालों कामुंह फैलता ही गया और मांग बढ़ती ही गयी....
दहेज की मांग पूरी नहीं हो पायी तो आराधना का पति अरुण तलाक की धमकी देने लगा, आये दिन अरुण अपनी पत्नी को प्रताणित करता रहा... तक एक बार उसने धारदार चाकू से वारकर आराधना को घायल कर दिया। अरुण ने एक बार आराधना इतनी बुरी तरह पिटाई की...कि उसके पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो गयी..।
अरुण अपनी पत्नी के साथ ऐसा क्यों कर रहा था इसके पीछे एक राज है..., अरुण का संबंध कई लड़कियों से नाजायज ताल्लुकात हैं जिसको आराधना जान गयी थी वो चाहती थी कि किसी तरह मेरा पति अच्छा बन जाय, लेकिन वो अच्छा बनने के बजाय उल्टा उसी पर जुल्म ढहाने लगा...

इतना सब होने के बावजूद आराधना अपने पति के ही साथ रहना चाहती है, जबकि अरुण आराधना से अपना पीछा छुड़ाना चाहता है....
हम दिखा रहे हैं दहेज उत्पीडन से परेशान एक युवती की कहानी दर्द भरी कहानी...वो शिकार बनी है अपने पति और ससुराल वालों की...आखिर वो पति महज दहेज की लालच में पत्नी को घर से निकाल दिया है और वो रह रही है उसी पिता के पास जिसने बड़े ही अरमान से डोली में बिठाया था वही न्याय के लिए भटक रहा है...
ये उसी पिता और भाई के आंसू जिसने खुशी-खुशी अपनी बेटी को घर से विदा किय़ा था...अब यही लोग न्याय की गुगार के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं..। पति की प्रताड़ना से परेशान होकर आराधना पिछले एक साल से अपने पिता और भाई के साथ रह रही है। इनकी इतनी हैसियत नही है कि दो लाख की डिमांड को पूरी कर सकें....
आराधना के पिता ने समझौते की पूरी कोशिश की लेकिन दहेज के लोभी समझौते के लिए तैयार नहीं हुए आखिरकार इन लोगों ने कानून का सहारा लिया और महिला थाने में दहेज उत्पीडन के तहत मामला दर्ज कराया.. FIR दर्ज होने के बावजूद पुलिस कारवाई से पीछे हट रही है...अब पूरा परिवार यही चाहती है कि किसी तरह से आराधना को न्याय मिले....

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